बॉलीवुड के शहंशाह कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन एक समय में गांधी परिवार के सबसे करीबी माने जाते थे। गांधी परिवार और बच्चन परिवार के बीच की नज़दीकियां इस कदर थी कि बच्चन परिवार कभी भी नेहरू निवास में आ जा सकता था।
ऐसे में इंदिरा गांधी के निधन के बाद जब राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री पद संभाला तो अमिताभ ने राजनीति में कदम रखा, लेकिन उनका राजनीतिक सफर ज्यादा लंबा नहीं चला। चाहे-अनचाहे राजीव और अमिताभ के बीच राजनीतिक उठापटक के चलते खटास आने लगी और यही कारण था कि साल 1987 में अमिताभ बच्चन ने राजनीति से सन्यास ले लिया था।

अमिताभ बच्चन और गांधी परिवार की नज़दीकियों को वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई ने अपने किताब नेता अभिनेता में बेहद बारीकी से बयां किया है। उन्होंने अमिताभ बच्चन और गांधी परिवार के कई किस्सों के बारे में अपनी किताब में लिखा है। राशिद किदवई की किताब ‘नेता अभिनेता’ बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स में कांग्रेस नेता एम एल कोटेदार का हवाला देते हुए अमिताभ बच्चन पर राजीव गांधी सरकार की नियुक्तियों और ट्रांसफर में दखलअंदाजी करने की बात भी कही गई।

राशिद किदवई ने अपनी किताब में बताया है कि अमिताभ बच्चन राजीव गांधी सरकार में दखलअंदाजी करते थे। एमएल फोतेदार का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि साल 1984 में राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अमिताभ बच्चन की कांग्रेस में छवि काफी मजबूत हो गई थी। वह मंत्रालय के अधिकारियों की नियुक्ति और उनके ट्रांसफर में दखलंदाजी देने लगे थे। इसके बाद ये खबरें राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनने लगी थी।

अमिताभ बच्चन की दखलअंदाजी सरकार के बीच इस कदर बढ़ने लगी कि राजीव गांधी तक यह बात पहुंच गई। पार्टी के कई नेताओं को अमिताभ की ये दखलअंदाजी जरा भी रास नहीं आ रही थी और वह राजीव गांधी से इसकी शिकायत करने लगे। इसके बाद राजीव गांधी भी चाहने लगे कि अमिताभ बच्चन राजनीति छोड़ दे। वह भी इस बात की उम्मीद करने लगे कि जल्द से जल्द अमिताभ बच्चन पार्टी से इस्तीफा दे दें।
इसके बाद साल 1987 में सामने आए बोफोर्स घोटाले में अमिताभ बच्चन के नाम की संलिप्तता आने के बाद उन्होंने खुद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। अपने इस फैसले के बाद अमिताभ बच्चन ने कभी फिर दोबारा राजनीति का रुख नहीं किया।

इसके बाद अमिताभ बच्चन से एक बार फिर राजनीति का रुख करने को लेकर सवाल किया गया और यह दौर था राजीव गांधी के निधन के बाद का…उस दौरान जब सोनिया गांधी ने देश की सबसे बड़ी पार्टी की कमान अपने हाथ में ली तो अमिताभ बच्चन से गांधी परिवार के सबसे करीबी होने के चलते सवाल पूछा गया कि क्या वह सोनिया गांधी की मदद के लिए राजनीति का रुख करेंगे?
इसके जवाब में अमिताभ बच्चन ने साफ शब्दों में अपना पक्ष जाहिर करते हुए कहा कि मेरे राजनीति में आने से सोनिया गांधी परिवार की मदद कैसे होगी? सोनिया अपने आप में एक काफी मजबूत और सक्षम महिला है।
संभार- नेता अभिनेता(किताब), राशिद किदवई