विराट कोहली को कौन नहीं जानता.लेकिन विराट कोहली की कैप्टेसनी से अब हटाया जा सकता है क्यू की अब विराट कोहली पर हित को लेकर आवाज़ उठाए जा सकती है.हम आपको बतादे ये मामला सन 2019 मैं विराट कोहली ने एक गेमिंग कंपनी में निवेश किया था.जो की फिलहाल भारतीय क्रिकेट बोर्ड का ऑफिशियल किट स्पॉन्सर है।इसी बात को लेकर हितों के टकराव का मामला जोरों पर है.
कोहली पर हितों के टकराव का मामला..
हम आपको बताने जा रहे हैं यह पूरा मामला क्या है. विराट कोहली की कप्तानी क्यों खतरे में है.
17 नवंबर 2020 को बीसीसीआई ने एमपीएल स्पोर्ट्स को भारतीय टीम का नया किट स्पॉन्सर और आधिकारिक व्यापारिक साझीदार घोषित किया था। बीसीसीआई के साथ हुए सौदे के तहत टीम इंडिया की जर्सी के अलावा एमपीएल स्पोर्ट्स लाइसेंस प्राप्त टीम इंडिया के दूसरे सामान को भी बेच पाएंगे।
विराट कोहली सभी भारत वासियों के चहेते कप्तान है. उनके फैंस उनके नाम के पीछे भागते हैं. हम आपको बता दें,
इससे पहले विराट कोहली को जनवरी 2020 में एमपीएल का ब्रांड एंबेडसर बनाया गया, विराट एमपीएल के लिए कमर्शियल एडवरटाइजमेंट भी करते नजर आते हैं। पिछले साल उन्होंने फरवरी 2019 में एमपीएल में इंवेस्ट किया था। जिसके बाद अब टीम इंडिया की ऑफिशियल किट की स्पॉन्सर है।
एमपीएल मे कोहली का शेयर..
हम आपको बता दें विराट ने कुछ समय बाद ग्लैकटस फनवेयर टेकनॉलोजी प्राइवेट कंपनी में 33.32 लाख के सीसीडी इंवेस्ट किए हैं। ग्लैकटस फनवेयर टेकनॉलोजी कंपनी के पास एमपीएल का मालिकाना हक है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक 10 साल बाद विराट को दिए गए सीसीडी शेयर मे बदल दिए जाएंगे.
इतना ही नहीं इसके बाद विराट कोहली के पैसे शेयर में बदल दिए जाएंगे तो इस कंपनी में वह 0.0051 प्रतिशत के मालिक होंगे। विराट के शेयर होने के बावजूद एमपीएल को कंपनी को तीन साल के लिए भारतीय सीनियर पुरुष टीम, महिला टीम और अंडर 19 टीमों के किट के लिए स्पॉन्सर चुना गया।
बीसीसीआई ने दिया ऐसा जवाब..
हम आपको बता दें इस सब के बाद बीसीसीआई के एक बड़े अधिकारी ने कहां के भारतीय टीम बोर्ड को इस बात की जानकारी नहीं थी. भारतीय कप्तान विराट कोहली और कॉर्नरस्टोन की एमपीएल में हिस्सेदारी है। और उन्होंने ये भी कहां की हम खिलाड़ियों के निवेश ट्रैक कहा किया करने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। और बीसीसीआई के एक और सदस्य ने कहां विराट कोहली भारतीय टीम के कप्तान हैं. काफी नामी ग्रामी व्यक्ति हैं.इस तरह के इंटर-कनेक्शन सुशासन के लिए आदर्श नहीं हैं। इस मामले में बीसीसीआई जांच भी कर सकती हैं।