जम्मू में गुरूवार को नरगोटा से एक मामला सामने आया है, जिसमे सुरक्षाबलों ने 4 आतंकियों को मार गिराया है. बता दें, ये सभी चारों आतंकी गोला बारूद और हथियार लेकर श्रीनगर जा रहे थे जिससे पता चला कि ये आतंकी किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने जा रहे थे, लेकिन इससे पहले यह चारों किसी साजिश को अंजाम दे पाते, सेना ने उन्हें मार गिराया.
बता दें, मनमोहन सिंह की 10 साल की सरकार के दौरान जम्मू-कश्मीर में 9,000 से भी ज़्यादा आतंकी घटनाएं हुई थीं और पीएम मोदी सरकार के अंतर्गत 6 साल में 2,000 से ज़्यादा आतंकी घटनाएं हुई, जिन्हे रोकने के लिए सेना ने अब यही तरीका अपना लिया है कि किसी भी घटना को रोकने से पहले ही आतंकियों को मार दिया जाए.

जम्मू-कश्मीर से पीएम नरेंद्र मोदी के अनुच्छेद 370 हटाने के बाद आतंकी घटनाओं में काफी हदतक गिरावट आई है. इसी के साथ प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो के पास इस बात का डेटा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद कितने आतंकी घटनाएं हुई हैं और कितने आतंकी मारे गए हैं?
कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकी घटनाओं में भले ही कमी आ सकती है, मगर इतना ज़रूर हुआ है कि पाकिस्तान से देश में हुई घुसपैठ बढ़ गई है. इतना ही नहीं, ग्रह मंत्रालय के अनुसार 5 अगस्त 2019 से 2 जुलाई 2020 तक पाकिस्तान की तरफ से 176 से भी ज़्यादा बार घुसपैठ की कोशिश की गई है, जिसमे से 111 में आतंकी घुसपैठ करने भी कामयाब भी रहे.
आतंकी भले ही घुसपैठ करने में कामयाब हो जाते हों, लेकिन सेना उन्हें मार ही देती है। इसी बजह से इस साल 1 जनवरी से 9 सितंबर तक 252 दिनों में ही सेना 168 आतंकियों को मार चुकी है। जबकि पिछले साल १५७ आतंकी को सेना ने मौत के घात उतारा।

हालांकि, जम्मू-कश्मीर में साल 1990 से आतंकवाद पनपना शुरू हुआ था. साल 1990 से लेकर 2019 तक आतंक की 70,000 हज़ार से भी ज़्यादा घटनाएं हुई, जिनमे से 24,915 आतंकी मारे गए थे. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 1990 से लेकर दिसंबर 2001 तक हर साल औसतन 4,300 आतंकी घटनाएं होती थीं। जो साल 2001 के बाद कम होनी शुरू हुई.
अगर हम साल 2004 से 2013 तक के आंकड़े देखें, तो इन 10 सालों में 9,000 से भी ज़्यादा आतंकी घटनाएं हुई, जिसमें 4,005 आतंकी मारे गए। इसी के साथ मनमोहन सिंह का कार्यकाल साल 2004 से लेकर 2014 तक रहा और इन 10 सालों में हर दिन 2 से ज़्यादा आतंकी घटनाएं हुई और हर दिन 1 आतंकी भी मारा गया.

वहीं अगर हम मोदी सरकार की बात करें, तो उनकी सरकार साल 2014 में आई थीं और इन 6 सालों में आतंक की 2,000 से ज़्यादा घटनाएं हुईं, जिसमें 995 आतंकी मारे गए। 419 जवान शहीद हुए और 177 आम नागरिकों की जान गई। बता दें, मोदी सरकार के इन 6 सालों में हर दिन आतंकी घटना हुई और हर दो दिन में 1 आतंकी मारा गया.
सोर्स:PIB