पंजाब में जिरकपुर के रहने वाले 40 साल के एक कार्पेंटर ने आत्मनिर्भर भारत का एक उदाहरण पेश किया. दरअसल, धनी राम सग्गू नाम के इस कार्पेंटर ने हाथ से लकड़ी की साइकिल बनाने का काम शुरू किया जो इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है.
बता दें, लॉकडाउन के दौरान धनी राम ने मार्च में ही अपनी जॉब खो दी थी जिसके बाद उन्होंने डिप्रेशन में ना जाने का सोचते हुए एक नया काम करने की ठानी. उन्होंने ईको-फ्रेंडली साइकिल बनाने का निर्णय लिया. उनका यह आइडिया इतना हिट हुआ कि उन्हें विदेशों से भी आर्डर आने लगे.

धनी राम की खुद की एक दूकान है जिसका नाम उन्होंने नूर इंटीरियर रखा. उनकी इस दूकान में वह दरवाजे बनाने से लेकर कोठियों में शेल्वेस बनाने तक का काम करते हैं मगर लॉकडाउन में उनका यह काम भी बंद हो गया था जिसके चलते उन्होंने 27 जुलाई से 30 अगस्त के बीच साइकिल बनाने जैसा काम करने का फैसला लिया और लगभग 8 लकड़ी की साइकिल बनाकर बेची. फिलहाल वह 5 ओर साइकिल पर काम कर रहे हैं.

धनी राम ने अनुसार, मेहनत करते रहने से सबकुछ बदल जाता है… उन्होंने बताया कि अब उन्हें हीरो साइकिल की तरह से भी शुभकामएं जैसे सन्देश आए. इतना ही नहीं, चेन्नई की भी एक कंपनी उनसे संपर्क कर रही हैं.
उन्होंने बताया कि लकड़ी की इस साइकिल को बनाने का आइडिया जब उन्हें आया तो सबसे पहले उन्होंने बॉडी, हेडलाइट्स, व्हील रिम्स को ध्यान में रखते हुए उसपर काम करना शुरू किया.
इसके बाद उन्होंने पुरानी साइकिल के पेडल्स, चेन, व्हील, सीट और साइड स्टैंड का इस्तेमाल भी अपनी इस लकड़ी की साइकिल में किया. आज उनका यह आइडिया इतना चर्चा में है कि इसकी डिमांड देश-विदेश में हो रही है.