कर्नाटक की प्रमुख सचिव और आईपीएस अफ़सर डी रूपा इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं. उन्होंने दिवाली पर पटाखा ना बजाने को लेकर ट्वीट किया था, जिसके लिए वह सोशल मीडिया पर ट्रोल हुई थी. हाल ही में उन्होंने ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरा आपसे अनुरोध है कि “ट्वीटर से ब्रेक लेने से पहले मैं उन सभी सेलिब्रिटीज को बता दूं…मेरे बारे में जाने बिना कुछ नहीं बोलिए. मैं साउथ इंडियन हूं और मुझे हिंदी बोलनी नहीं आती है. मैंने दूरदर्शन के जरिए हिंदी सीखी है”.
दरअसल, डी रूपा ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट शेयर किया है. उनकी यह वीडियो हिंदी में ही है. इस वीडियो में डी रूपा ने बताया कि यूपीएससी में 43वीं रैंक के बाद भी उन्होंने आईपीएस का चुनाव किया था और इसके लिए उनके माता-पिता ने उनका पूरा सपोर्ट किया. यदि उनके माता-पिता उनका साथ ना देते तो आज वह इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाती.
Before I go on a twitter break, for those celebrities who know less abt me but speak about me without knowing me, I’m sharing this link in your own language Hindi, which I learnt from watching Doordarshan, with its accent too, being a South Indian.https://t.co/UpuGgssbyj
— D Roopa IPS (@D_Roopa_IPS) November 21, 2020
डी रूपा ने अपने इस वीडियो के जरिए बताया कि उनके 18 साल के करियर में 40 बार ट्रांसफर किया गया है. इतना ही नहीं, एक बार तीसरी क्लास में उनकी टीचर ने उनसे पुछा कि तुम बड़ी होकर क्या बनोगी?

घर जाओ और अपने माता-पिता से पूछकर आओ…उनकी माँ चाहती थी कि डी रूपा डॉक्टर बने और पिता ने आईएएस अफसर बने की बात रखी, जिसके बाद उन्होंने अगले दिन अपनी टीचर को बड़े होकर आईएएस बनूंगी का जवाब दिया. यह सुनकर उनकी टीचर इतनी खुश हुई कि उन्होंने बच्चों से तालियां बजवाई.
To keep the pressure on me,there was a hashtag created against me, knowing fully well tht, I, in my capacity as govt servant can’t get back to trolls including celebrity-trolls in same irresponsible language they use. Now tell me who is more powerful on twitter @TVMohandasPai T16 https://t.co/C9fbamqWGN
— D Roopa IPS (@D_Roopa_IPS) November 21, 2020
डी रूपा ने कहा, “जब मैं आईपीएस अफ़सर बनी तो मेरी उम्र केवल 24 साल थी और मेरी पोस्टिंग धारवाड़ में हुई थी. मैं अभी प्रशासन से जुड़े कार्यो को समझ ही रही थी कि मध्य प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भर्ती के खिलाफ हुबली कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था, जिसके चलते मैंने इस बड़ी ज़िम्मेदारी को निभाते हुए अपने नए करियर की शुरुआत की.”
जानकारी के लिए बता दें, डी रूपा ने दीपावली से पहले ट्वीट किया था कि पटाखे हमारे धर्म में रीति रिवाज़ो का हिस्सा नहीं है. आतिशबाज़ी भी एक तरह से 15वीं शताब्दी में सामने आई थी, जिसे हमे बैन कर देना चाहिए लेकिन, इसके बाद ट्रोलर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया था जिसपर उनका कहना था कि “मैं एक सरकारी अफसर हूं, जिसके कारण में ट्रोलर्स का जवाब उनकी भाषा में नहीं दे सकती. अब आप सभी मुझे बताइए ट्वीटर पर सबसे ज़्यादा पावरफुल कौन है?

हालांकि, इन सबसे परेशान होकर उन्होंने ट्वीटर छोड़ने की बात भी ज़ाहिर की थी. उनका ये तक कहना था कि उनपर दबाव बनाने के लिए कई हैशटैग भी सोशल मीडिया पर चलाए गए थे.