“सफलता एक दिन में नहीं मिलती है लेकिन एक दिन ज़रूर मिलती है”यह लाइन नमिता शर्मा के ऊपर खड़ी उतरती है.कुछ ऐसे शख्स होते है जो असफलता के दर से आगे बढ़ना नहीं छोड़ते है.आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी बताने वाले है जो आपकी जिन्दगी में कितनी भी असफलता होने पर वापस खड़ा होकर सफलता के लिए आगे बढ़ना सिखायेगी.यह कहानी यह एक छोटे से परिवार में जन्म लेने वाली लड़की की जिसने अपने सपनों को साकार करने के लिए असफलताओं से भीड़ गई.अपने मेहनत के दम पर उसने पहाड़ कहे जाने वाले एक्जाम को भी अपने सामने झुका दिया.उसकी लाइफ में असफलताओं का भण्डार था उसने फिर भी हार नहीं मानी किसी को उसकी सफलता पर विश्वास नहीं था फिर भी उसने अपने सपने साकार किए.और उसने भारतीय प्रशासनिक सेवा का एक्जाम पास कर एक मिशाल कायम की.सिविल सर्विसेज एक्जाम बोलचाल में कहे तो आइएएस का एक्जाम को अपने छ्ठे प्रयास में पास किया. आइएएस बनने का रास्ता इतना आसान नहीं था पर अपने मोटीवेशन और सपने के बिच आने वाले हर चीज को छोड़ती गई.
हम बात कर रहे नमिता शर्मा की जिन्होंने देश के सबसे बड़े एक्जाम को पास किया है.नमिता का जन्म देश की राजधानी दिल्ली में हुआ था.बारहवीं साइंस की विद्यार्थी होने के कारण उहोंने इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक एण्ड कम्युनिकेशन में ग्रेजुएट की.बहुमुखी प्रतिभा होने के कारण उनका चयन जल्द ही एक कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर पद पर हो गया.कुछ समय जॉब करने के बाद उनको अपनी जिन्दगी में कुछ ऐसा करना था कि वो मिशाल कायम करे.इसके लिए उन्होंने आइएएस एक्जाम की तैयारी प्रारंभ की.
आइएएस की तैयारी के साथ साथ उन्होंने अन्य कॉम्पिटिशन एक्जाम दिए.इन सबके बीच उन्होंने अपनें मेहनत के दम पर एसएससी सीजीएल का एक्जाम निकल दिया.अब उनकी जॉब करते हुए तैयारी करना थोड़ा मुश्किल था लेकिन उन्होंने खुद को इस काबिल बनाया की जॉब के साथ आइएएस की तैयारी नहीं छोड़ी क्युकी वो उनका सपना था.इसके साथ उन्होंने यूपीएससी के 2 असफल प्रयास कर लिए थे.उनका कहना यह प्रयास उनके लिए एक सीखने का एक्जाम था.2017 का प्रयास इनके लिए टर्निग प्वाइंट था
आइएएस की तैयारी के साथ साथ उन्होंने अन्य कॉम्पिटिशन एक्जाम दिए.इन सबके बीच उन्होंने अपनें मेहनत के दम पर एसएससी सीजीएल का एक्जाम निकल दिया.अब उनकी जॉब करते हुए तैयारी करना थोड़ा मुश्किल था लेकिन उन्होंने खुद को इस काबिल बनाया की जॉब के साथ आइएएस की तैयारी नहीं छोड़ी क्युकी वो उनका सपना था.इसके साथ उन्होंने यूपीएससी के 2 असफल प्रयास कर लिए थे.उनका कहना यह प्रयास उनके लिए एक सीखने का एक्जाम था.2017 का प्रयास इनके लिए टर्निग प्वाइंट था.