हाल ही में शुभेन्दु अधिकारी ने खुद ममता सरकार से मतभेद के बाद कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
New Delhi, Dec 15 : पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गयी है, बीजेपी को खतरा मानते हुए टीएमसी अब अपने साथ जुड़े नेताओं की वफादारी जांचने में जुटी हुई है, इस के साथ ही पार्टी के विरोध में बयान देने वालों को सीएम ममता बनर्जी खुद किनारे कर रही है, इनमें सबसे ताजा नाम ईस्ट मिदनापुर जिले के नेता कनिष्क पांडा का है। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिये सस्पेंड कर दिया गया है, पांडा को टीएमसी के प्रभावशाली बागी नेता शुभेन्दु अधिकारी का खास माना जाता है।
ममता सरकार से इस्तीफा
आपको बता दें कि हाल ही में शुभेन्दु अधिकारी ने खुद ममता सरकार से मतभेद के बाद कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि पार्टी से बाहर जाने की अटकलों के बीच भी उन्होने टीएमसी नहीं छोड़ा है, ऐसे में माना जा रहा है कि वो पार्टी के कुछ और बड़े नेताओं पर असर डालकर उन्हें साथ ले जा सकते हैं, शुभेन्दु पहले ही कह चुके थे कि वो टीएमसी की मौजूदा लीडरशिप से खुश नहीं थे, क्योंकि उनके साथ काम करना काफी मुश्किल रहा है।
सुरक्षा छीने जाने के खिलाफ
बताया गया है कि कनिष्क पांडा अपने करीबी शुभेन्दु अधिकारी से सुरक्षा छीने जाने के खिलाफ थे, इसी वजह से उन्होने पार्टी नेताओं के विरोध में कुछ बयानबाजी भी की थी, कहा जाता है कि उन्होने सीएम ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा था, इसके बाद पांडा को पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए निकाल दिया गया, बता दें कि कनिष्क इससे पहले ईस्ट मिदनापुर में पार्टी के महासचिव रह चुके हैं।
कड़ी चेतावनी
इससे पहले ममता बनर्जी ने खुद ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे नेताओं को कड़ी चेतावनी दे चुकी हैं, उन्होने साफ कहा कि अगर टीएमसी का कोई नेता विपक्ष के संपर्क में है, तो वो तुरंत पार्टी को कमजोर करने के बजाय इसे छोड़ दे और अपना रास्ता चुने, मालूम हो कि बंगाल में 294 विधानसभा सीटों के लिये अगले साल अप्रैल मई में चुनाव होने हैं।